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बलासन: शांति और आराम का आदान

योग एक प्राचीन भारतीय योगिक प्रणाली है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने के लिए विभिन्न आसनों और प्राणायाम का उपयोग करती है। योग का अभ्यास करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ और मन को शांत करके आत्मिक एवं भावनात्मक संतुलन को प्राप्त कर सकते हैं। बलासन योग का एक महत्वपूर्ण आसन है जो हमें शांति, आराम और छूटकारा प्रदान करता है।

बलासन को शिशु आसन भी कहा जाता है क्योंकि इस आसन को करते समय हम एक शिशु के समान बांधे जाते हैं। इस आसन को करने के लिए आपको एक सुखासन में बैठना होता है, जहां आपके पैर आपके आगे की ओर फैले होते हैं। आपके हाथ और आपका मुख नीचे की ओर रखे होते हैं और ध्यान रखते हुए आप अपनी सांसें धीरे-धीरे लेते और छोड़ते हैं।

बलासन करने की विधि:

  1. एक योगमाट या आसन की चटाई पर बैठें। यदि आपके पास योगमाट नहीं है, तो आप किसी चिरमटी और समर्थक सतह पर भी बैठ सकते हैं।
  2. अपने घुटनों को जमीन पर जमा करें और अपने पैरों को बेड़ाने के लिए एक चौड़ी दूरी रखें। आपके पैर आपके बड़े आदमी या पैरों के नीचे होने चाहिए।
  3. अपने ऊपरी शरीर को आहिस्ता से आगे झुकाएं और अपने अस्थि-संयम और बाहु आंचल को जमीन से संपर्क में लाएं।
  4. अपने हाथों को आपके सामने बेड़ाने के लिए बढ़ाएं और अपने हाथों की अंगुलियों को जमीन से संपर्क में रखें। आपके हाथों की पालम पहले बार खुदरा होनी चाहिए और उन्हें धीरे-धीरे जमीन पर समतल रखने की कोशिश करें।
  5. आराम से अपने गर्दन को सीधा रखें और अपनी नाभि को संपर्क में रखें। अपनी आंखें बंद करें और ध्यान अपनी श्वास की गति पर लगाएं।
  6. इस स्थिति में रहें और गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। अपने श्वास की गति को संयमित और सामान्य बनाएं।
  7. इस स्थिति में 5-10 मिनटों तक ध्यान दें। ध्यान अवस्था से बाहर निकलने के लिए धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और सामान्य श्वास लें। ध्यान विसर्जन करें और सावधानी से उठें।

बलासन को नियमित रूप से अभ्यास करें और इसके लाभों का आनंद लें। स्वास्थ्य और शांति के लिए योग का एक महत्वपूर्ण अभ्यास है और बलासन आपको इस मार्ग में मदद कर सकता है।

बलासन के लाभ:

  1. शांति और आराम:

    बलासन करने से शांति और आराम की प्राप्ति होती है। यह आसान और सुखद आसन है जो शरीर, मन और आत्मा को शांत करके तनाव को कम करता है।
  2. श्वास संयम:

    बलासन में सांस लेने और छोड़ने की तकनीकों का अभ्यास होता है, जिससे आपका श्वास संयमित होता है। यह आपके श्वसन सिस्टम को मजबूत बनाता है और श्वास की गति को समायोजित करता है।
  3. चित्त शांति:

    बलासन करने से मन को शांति मिलती है और चित्त शुद्धि होती है। यह ध्यान और मेधा को बढ़ाता है और मन को एकाग्रता देता है।
  4. पाचन शक्ति को सुधारें:

    बलासन करने से पाचन शक्ति को सुधारा जा सकता है। यह पेट के अंदरी अंगों को मसाने में मदद करता है और पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाता है।
  5. मानसिक तनाव को कम करें:

    बलासन में ध्यान केंद्रित करने से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है। यह मन को शांत करके चिंता, चिंता और चिंताओं से राहत प्रदान करता है।

ध्यान दें कि बलासन को अभ्यास करने से पहले शरीर को गर्म करने के लिए प्रारंभिक शान्तिकरण आसनों का अभ्यास करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप इसे सही ढंग से कर रहे हैं, ध्यान और समय दें और शरीर के सीमाओं का ध्यान रखें।

बलासन एक आसान और सुखद योगासन है जो शरीर, मन और आत्मा को शांति, आराम और पुनर्जीवन देता है। इसे नियमित रूप से अभ्यास करके आप अपने दिनचर्या में सुधार ला सकते हैं और स्वस्थ, शांत और समता की अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। इसे अपने योग रूटीन में शामिल करें और इसके लाभों का आनंद लें।

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