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शवासन: आत्मा को शांति और सुकून का आदान

शवासन योग का एक महत्वपूर्ण आसन है जो शरीर, मन और आत्मा को शांति और सुकून प्रदान करता है। इस आसन को शवासन के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह आसन श्वास लेने की तरह नजर आता है। शवासन का अभ्यास करने से मानसिक तनाव कम होता है, तनाव मुक्ति होती है और मन को शांति मिलती है।

Shavasana Yogasanas


शवासन कैसे करें:

  1. एक सुखासन पर लेट जाए और अपने पैरों को सुखद रखें।
  2. अपनी आंखें बंद करें और अपने साँस को गहरी और धीरे से लें। शुरू में गहरी सांस लें और धीरे-धीरे उसे छोड़ें।
  3. अपने मस्तिष्क पर ध्यान केंद्रित करें और शरीर के हर हिस्से को आराम से सुस्थित करें।
  4. सांस छोड़ते समय अपने शरीर को सुबह की नींद में स्थित करें, यानी संपूर्ण शरीर को संरेखित और आरामदायक बनाएं।
  5. शांत और धीरे-धीरे सांस छोड़ें, जैसे कि आप शांति और सुकून के साथ एक नींदी में हों।

ध्यान रखें कि आप शरीर के हर हिस्से को छोड़ते समय संरेखित और सुस्थित रखें। सभी अंगों को सुस्थित और छोड़ने वाले हाथ और पैरों को बिलकुल शांत रखें।

शवासन के लाभ:

  1. मानसिक शांति:

    शवासन मन को शांति और आत्मिक संयम प्रदान करता है। यह तनाव को कम करता है और मन को शांत करके मानसिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद करता है।

  2. शारीरिक आराम:

    शवासन शारीरिक आराम प्रदान करता है। इसे करने से मांसपेशियों का आराम होता है, स्पाइन शक्तिशाली बनता है और शरीर की ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।

  3. तनाव कम करने की क्षमता:

    शवासन तनाव को कम करने और संजीवनी शक्ति को बढ़ाने की क्षमता रखता है। यह स्वास्थ्य और कल्याण को प्राप्त करने में मदद करता है।

  4. निद्रा की सुविधा:

    शवासन निद्रा की सुविधा प्रदान करता है। इसे करने से निद्रा रुखती है, रात को अच्छी नींद आती है और आपको ताजगी और प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है।

  5. अवसाद के खिलाफ लड़ाई:

    शवासन अवसाद और चिंता के खिलाफ एक शक्तिशाली उपाय है। यह मन को शांत करता है और मनोवैज्ञानिक रूप से स्थिरता प्रदान करता है।

ध्यान दें कि शवासन को स्वस्थ व्यक्ति के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन यदि आपके पास किसी स्वास्थ्य समस्या की जांच या पूर्व अनुमान है, तो इसे करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह लें। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप योग को नियमित रूप से और सही ढंग से करें, धीरे-धीरे शुरू करें और शरीर की सीमाओं का ध्यान रखें। ध्यान और समर्पण के साथ शवासन को अपने जीवन में शामिल करें और इसके लाभों का आनंद लें।

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